नार्मल डिलीवरी की विशेष सुविधा,
सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा,
बच्चेदानी, अंडाशय एवं बाँझपन आदि की समस्याओ का इलाज,
बच्चेदानी में गाँठ एवं ट्यूमर का इलाज,
गर्भ में बार बार बच्चा ख़राब होने का इलाज,
परिवार नियोजन का उचित परामर्श,
स्तनों में दर्द, गाँठ एवं सफ़ेद पानी का इलाज ।
कैसी हो नार्मल डिलीवरी
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे- बच्चे को जन्म देते वक़त आपको बेहद पीड़ा सहनी होती हैं और यह आसान नहीं होता। अगर आप कमजोर हैं और आप में खून की कमी है तो आपके लिए यह काफी मुश्किल होगा। इसलिए अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें। ताकि आपको उस वक़्त कम से कम तकलीफ हो ।
अच्छा भोजन करें- गर्भावस्था के दौरान अपने डॉक्टर के कहे अनुसार ही भोजन करें। नार्मल डिलीवरी में आपके शरीर से 400 से 500 ML ब्लड जाता है। इसलिए ताकत और पोषण के लिए खाने में ज्यादा ले ज्यादा पोषक तत्त्व खाये। प्रेग्नेंसी में आयरन और कैल्शियम की बहुत जरुरत पड़ती है इसलिए जितना भी हो सके अपने आहार में इसको जरूर शामिल करें।
शरीर में पानी की कमी से बचे - आपके गर्भाशय में शिशु एक तरल पदार्थ से भरी हुयी झोली एमनियोटिक फ्लयूड में रहता है। जिससे बच्चे के ऊर्जा मिलती है, इसलिए आपके लिए रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पीना बहुत जरुरी है।
पैदल चले और टहलते रहे - गर्भवती महिलाओ के लिए आराम जरुरी है, लेकिन इसका अर्थ अपने काम से जी चुराना नहीं है। कोशिश करें आपकी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में ज्यादा फर्क न आए। दफ्तर और घर के काम सामान्य रूप से ही करती रहें। पैदल चलना और टहलना आपके लिए अच्छा रहेगा। बाजार तक जाना हो तो कार या किसी वाहन के स्थान पर पैदल ही जाएँ तो बेहतर। ऑफिस में भी जरा घूम फिर लिया करे।
एक्सरसाइज - अगर आप प्रेगनेंट होने के पहले से ही रोज़ाना एक्सरसाइज करती आ रही हैं, तो नार्मल डिलेवरी होने के चांस बढ़ जाते हैं। गर्भास्था के दौरान आप कोई फिटनेश सेन्टर ज्वाइन कर सकती हैं , जो आपकी मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण दे सके। प्रसव के दौरान मजबूत मांसपेशियों का होना बहुत जरुरी हैं।
इन उपायों को आजमाने से आपको स्वस्थ गर्भावस्था तो मिलेगी ही साथ आपका प्रसव भी काफी आरामदेह तरीको से हो सकगा और आपका बच्चा भी स्वस्थ पैदा होता हैं।
नार्मल डिलीवरी के लिए टिप्स
संतुलित भोजन - पेट में पल रहा बच्चा तभी स्वस्थ होगा जब गर्भवती महिला स्वस्थ हो। ऐसे में पौष्टिक और संतुलित भोजन लेना अनिवार्य होना चाहिए। जितना स्वस्थ आपका भोजन होगा उतना ही स्वस्थ बच्चा होगा साथ ही डिलीवरी के समय होनी वाली परेशानिया काम होगी।
खून की कमी - प्रसव पीड़ा के समय खून की कमी नहीं होनी चाहिए। इसलिए समय - समय पर ब्लड टेस्ट कराती रहें तथा चिकित्सक के कहे अनुसार आहार लेती रहें। डिलीवरी के वक़्त तक़रीबन 400 से 500 ml रक्त महिला के शरीर से निकलता हैं, ऐसे में शरीर में आयरन और कैल्शियम की कमी नहीं होनी चाहिए। अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा आयरन और कैल्शियम युक्त डाइट ले।
एक्टिव रहें - यदि नार्मल डिलेवरी चाहती हैं तोह शारीरिक रूप से एक्टिव रहें। हल्का व्यायाम करती रहें और सुबह शाम टहले।
पर्याप्त नींद - गर्भवती महिला को 6 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
टेंशन ना ले - किसी भी विषम परिस्थति में टेंशन न ले। तनाव लेने से डिलीवरी के समय नकारात्मक असर पड़ता हैं जिसमें ऑप्ररेशन के चांसेस बढ़ा जाते हैं।
पानी पिए - गर्भावस्था में शरीर में पानी की कमी न हो, इस पर भी ध्यान देना चाहिए। रोजाना 3 से 4 लीटर पानी अवशय पिए।
योग - नार्मल डिलीवरी के लिए कुछ योगासन भी अपनाये जा सकते है, जिनमें कोणासन , वक्रासन, पर्वतासन, सुख भद्रासन, हस्त पुंगसतासन आदि शामिल हैं। हालांकि किसी भी योगा या व्यायाम को करने से पहले अपने चिकत्सक से अवस्य सलाह ले।
कुछ अन्य टिप्स - गर्भ ठहरने के बाद किसी अच्छी महिला चिकित्सक से हमेशा संपर्क में रहें तथा उन चीजों का पालन करे जो गर्भवती महिला के करनी चाहिए। ज्यादा कैफीन युक्त पदार्थ-शराब,सिगरेट या अन्य किसी भी प्रकार के नशे से एकदम दूर रहे। सिजेरियन होने का यह भी एक बड़ा कारण होता हैं।
गर्भावस्था के दौरान स्वच्छ-स्वस्थ भोजन लें और 6 से 8 घंटे की पूरी नींद लेवें, लगातार परामर्श के अनुसार ही दवायें लें ।
गर्भवती महिला सदा खुशनुमा वातावरण में रहें, सुबह-शाम नियमित टहलें व योग करें, स्वस्थ शरीर ही नार्मल प्रसव करवाँ सकती है ।